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बनारस सिर्फ़ एक नगरी मात्र नहीं। बनारस सिर्फ़ एक संस्कृति मात्र भी नहीं। बनारस एक इमोशन है, एक भाव है। क़तई ज़रूरी नहीं की यह भाव धार्मिक ही हो। हाँ इसका झुकाव अक्सर आध्यात्म की ओर होता है। मतलब यह कि जब हम इस सवाल का जवाब ढूँढने निकलते हैं कि बनारस क्या है, हम अपने आप से कई बार यह भी पूछते हुए पाए जाते हैं कि हम कौन हैं ? मानो बनारस का होना और हमारा होना एक तरह से जुड़ा हो। जियो बनारस इसी कनेक्शन को टटोलता है और नतीजा यह कि पाठक अपने आप को हर एक कविता में पाते हैं।
Description
बनारस सिर्फ़ एक नगरी मात्र नहीं। बनारस सिर्फ़ एक संस्कृति मात्र भी नहीं। बनारस एक इमोशन है, एक भाव है। क़तई ज़रूरी नहीं की यह भाव धार्मिक ही हो। हाँ इसका झुकाव अक्सर आध्यात्म की ओर होता है। मतलब यह कि जब हम इस सवाल का जवाब ढूँढने निकलते हैं कि बनारस क्या है, हम अपने आप से कई बार यह भी पूछते हुए पाए जाते हैं कि हम कौन हैं ? मानो बनारस का होना और हमारा होना एक तरह से जुड़ा हो। जियो बनारस इसी कनेक्शन को टटोलता है और नतीजा यह कि पाठक अपने आप को हर एक कविता में पाते हैं।