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बाबुषा कोहली का जन्म 6 फरवरी, 1979, कटनी, मध्य प्रदेश में हुआ। वे एक समकालीन हिंदी कवयित्री, लेखिका और शिक्षिका हैं, जो अपनी मार्मिक कविताओं और गद्य के लिए जानी जाती हैं, खासकर उनके पहले संग्रह प्रेम गिलहरी दिल अखरोट (2015) और गद्य-कविता संग्रह बावन चिट्ठियाँ (2018) के लिए, जिन्होंने भारतीय ज्ञानपीठ का नवलेखन पुरस्कार जीता। बाबुषा कोहली हिंदी साहित्य में एक उभरती हुई आवाज़ हैं, जो अपनी गहरी और संवेदनशील लेखन शैली के लिए पहचानी जाती हैं, जो आधुनिक जीवन के अनुभवों और भावनाओं को चित्रित करती हैं। `मिज़राब, आवाज़घर से प्रकाशित उनकी पहली किताब है ।

Baabusha Kohli

बाबुषा कोहली का जन्म 6 फरवरी, 1979, कटनी, मध्य प्रदेश में हुआ। वे एक समकालीन हिंदी कवयित्री, लेखिका और शिक्षिका हैं, जो अपनी मार्मिक कविताओं और गद्य के लिए जानी जाती हैं, खासकर उनके पहले संग्रह प्रेम गिलहरी दिल अखरोट (2015) और गद्य-कविता संग्रह बावन चिट्ठियाँ (2018) के लिए, जिन्होंने भारतीय ज्ञानपीठ का नवलेखन पुरस्कार जीता। बाबुषा कोहली हिंदी साहित्य में एक उभरती हुई आवाज़ हैं, जो अपनी गहरी और संवेदनशील लेखन शैली के लिए पहचानी जाती हैं, जो आधुनिक जीवन के अनुभवों और भावनाओं को चित्रित करती हैं।
`मिज़राब, आवाज़घर से प्रकाशित उनकी पहली किताब है ।

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