जब वक़्त के दरमियाँ ख्यालों का दरिया गुज़रता है तो किनारे पर यादें डेरा डाल लेती हैं और मन बंजारा हो जाता है , दूर तक जाती पगडंडियों में खो जाता है और शाम ढले लौट आता ये सुबह का भूला सूरज रिश्तों और एहसासों के साथ मन की पड़ताल करता डॉ. मनीषा तिवारी का यह पहला कविता संग्रह है l
डॉ. मनीषा तिवारी का जन्म कटनी मध्यप्रदेश में हुआ एमकॉम , के अतिरिक्त उन्होंने एम.ए(अर्थशास्त्र) एमफिल, पीएचडी (वाणिज्य), बैचलर ऑफ म्यूजिक की डिग्री हासिल की है l
लेखन में रुचि बचपन से ही रही है, प्रदेश के कवि सम्मेलनों में सहभागिता कर चुकीं हैं l उनका वर्तमान निवास नर्मदापुरम है l वर्तमान में वे शासकीय गृह विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय नर्मदापुरम में अध्यापन कार्य कर रही हैं l

Reviews
There are no reviews yet.