साहित्य और रहस्य जगत के लिए स्नोवा बॉर्नो व सैन्नी अशेष नया नाम नहीं है। हंस, ज्ञानोदय, पहल वागर्थ, इंडिया टुडे, आउटलुक आदि सभी बड़ी पत्रिकाओं ने इनकी रचनाएँ और नामी प्रकाशकों ने इनकी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। जनवरी 2008 से अचानक साहित्य और रहस्य-जगत में पहेली की भांति उभरे इन दोनों लेखकों की तस्वीरें तो सबने देखी हैं, लेकिन कहा जाता है कि स्नोवा बॉर्नो को सैन्नी अशेष के अलावा और किसी ने नहीं देखा है। ‘एक जोगन ज़िन्दगी’ जीवन दर्शन और सृष्टि के रहस्यों के पर्दे खोलता एक आनंदमय और प्रज्ञापूर्ण उपन्यास है। जिसमें सर्द मौसम ओढ़े पहाड़ आपको प्रेम की गहराईयों तक ले जाते हैं। ज़िन्दगी जोगन बन जाती है। ह्रदय में उतर जाती है।


₹250.00
Ek Jogan Zindagi
साहित्य और रहस्य जगत के लिए स्नोवा बॉर्नो व सैन्नी अशेष नया नाम नहीं है। हंस, ज्ञानोदय, पहल वागर्थ, इंडिया टुडे, आउटलुक आदि सभी बड़ी पत्रिकाओं ने इनकी रचनाएँ और नामी प्रकाशकों ने इनकी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। जनवरी 2008 से अचानक साहित्य और रहस्य-जगत में पहेली की भांति उभरे इन दोनों लेखकों की तस्वीरें तो सबने देखी हैं, लेकिन कहा जाता है कि स्नोवा बॉर्नो को सैन्नी अशेष के अलावा और किसी ने नहीं देखा है। ‘एक जोगन ज़िन्दगी’ जीवन दर्शन और सृष्टि के रहस्यों के पर्दे खोलता एक आनंदमय और प्रज्ञापूर्ण उपन्यास है। जिसमें सर्द मौसम ओढ़े पहाड़ आपको प्रेम की गहराईयों तक ले जाते हैं। ज़िन्दगी जोगन बन जाती है। ह्रदय में उतर जाती है।
Meet The Author
Sau Striyan Meri Zindagi Mein
औपन्यासिक स्वरूप के कारण संस्मरणों से संपन्न इस किताब में मेरी संगिनियों या अंतरंग स्त्रियों को इतना अधिक नहीं छिपाया गया है कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाए, क्योंकि मैं भी चाहता हूं कि मुझे और उन्हें बरसों से जानने वाले पाठक हमारे साथ सहज रहें और नए पाठक भी स्त्री पुरुष की अंतरंगताओं या नज़दीकियों से निकले जीवन के बहुत सारे अनोखे आयामों को विस्मय से देखें और जानें। इसीलिए मैंने पूर्व प्रकाशित संस्मरणों में से उन कुछ अनिवार्य संस्मरणों को भी औपन्यासिकता में पिरो दिया है, जो पहले मेरे बहुत कम पाठकों तक पहुँच पाए थे।
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EK jogan zindagi & Sau Striyan Meri Zindagi mein
Ishq Itwar Nahi
₹270.00ये निज़ाम-ए-ख़ुदा है, कि वो जब हमसे कुछ लेता है तो उसके बदले हमें किसी ऐसी चीज़ से भर देता है कि हम बिखरने ना पाएं। उसने मुझे इश्क़ से भर दिया और मैंने ख़ुद को इश्क़ के सदके वार दिया है । ये वो एहसास हैं जो सिसकते रहते हैं, दम भरते रहते हैं लेकिन इश्क़वाले किसी से कुछ कह नहीं पाते । मैंने उन्हें कागज़ पर उतार दिया जिसकी सूरत आपके सामने है ।
Sau Striyan Meri Zindagi Mein
औपन्यासिक स्वरूप के कारण संस्मरणों से संपन्न इस किताब में मेरी संगिनियों या अंतरंग स्त्रियों को इतना अधिक नहीं छिपाया गया है कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाए, क्योंकि मैं भी चाहता हूं कि मुझे और उन्हें बरसों से जानने वाले पाठक हमारे साथ सहज रहें और नए पाठक भी स्त्री पुरुष की अंतरंगताओं या नज़दीकियों से निकले जीवन के बहुत सारे अनोखे आयामों को विस्मय से देखें और जानें। इसीलिए मैंने पूर्व प्रकाशित संस्मरणों में से उन कुछ अनिवार्य संस्मरणों को भी औपन्यासिकता में पिरो दिया है, जो पहले मेरे बहुत कम पाठकों तक पहुँच पाए थे।
Bure Ladkon ki Hostel Diary
₹350.00वो एक हमदर्द शहर था, पर हम सबको टेस्ट ट्यूब पर अलग-अलग टेम्प्रेचर पर रखकर परखा उसने । वो मोहोब्बतों के दिन थे, इसलिए कोई बात उतनी तकलीफ नहीं देती थी ।दिनभर के ग़म अज़ाब दोस्तों में बँट जाते थे। ऐसा नहीं था कि खुदा पर एतबार नही था, पर उस उम्र में ख़ुदा को कम याद किया जाता है । मुख़्तलिफ़ दोस्तों के पास मुख़्तलिफ़ शेड्स थे, जो आहिस्ता आहिस्ता आप में घुलने लगते थे । कुछ हॉस्टली लड़कों ने कहा मैं इन बेतरतीब पन्नो को बाँधकर रख दूं । मैं अलबत्ता इस कशमकश में रहा के अलग-अलग मिज़ाज के इन बेपरवाह लड़कों की डायरी कौन पढ़ेगा । क्योंकि हर सफहा तो अलग क़िस्सा कहेगा ।
फिर भी कुछ बेतरतीब से पन्ने इस उम्मीद में रख रहा हूँ, कि शायद किसी पन्ने में, किसी को अपनी शिनाख़्त मिल जाए ।
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