New Arrival

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Amaltas wala Ishq

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹99.00.

बारिश की आमद तक अमलतास गुज़िश्ता वक़्त की यादों सा साथ बना रहता है अमलतासी इश्क़ का मौसम, बेशक एक उम्र के साथ बीत चुका है पर हाँ अमलतास वाला इश्क़ इस किताब की शक्ल में तख़लीक हो चुका है जैसे तपते दिनों में आंखों का सुकून है अमलतास वैसे हज़ारों दिन हर दिन की ख़्वाहिश हर ख्वाहिश के पूरा होने को एक दिन मय्यसर होने का यक़ीन और उस यक़ीन पर यक़ीन होने की आस में गुजरे दिनों की हर याद गर्म मौसम में सुर्ख़ रूह हो जाती हैं और महक जाता है अमलतास वाला इश्क़ ।

Bure Ladkon ki Hostel Diary

350.00

वो एक हमदर्द शहर था, पर हम सबको टेस्ट ट्यूब पर अलग-अलग टेम्प्रेचर पर रखकर परखा उसने । वो मोहोब्बतों के दिन थे, इसलिए कोई बात उतनी तकलीफ नहीं देती थी ।दिनभर के ग़म अज़ाब दोस्तों में बँट जाते थे। ऐसा नहीं था कि खुदा पर एतबार नही था, पर उस उम्र में ख़ुदा को कम याद किया जाता है । मुख़्तलिफ़ दोस्तों के पास मुख़्तलिफ़ शेड्स थे, जो आहिस्ता आहिस्ता आप में घुलने लगते थे । कुछ हॉस्टली लड़कों ने कहा मैं इन बेतरतीब पन्नो को बाँधकर रख दूं । मैं अलबत्ता इस कशमकश में रहा के अलग-अलग मिज़ाज के इन बेपरवाह लड़कों की डायरी कौन पढ़ेगा । क्योंकि हर सफहा तो अलग क़िस्सा कहेगा । 

फिर भी कुछ बेतरतीब से पन्ने इस उम्मीद में रख रहा हूँ, कि शायद किसी पन्ने में, किसी को अपनी शिनाख़्त मिल जाए ।

Ek Jogan Zindagi

250.00

साहित्य और रहस्य जगत के लिए स्नोवा बॉर्नो व सैन्नी अशेष नया नाम नहीं है। हंस, ज्ञानोदय, पहल वागर्थ, इंडिया टुडे, आउटलुक आदि सभी बड़ी पत्रिकाओं ने इनकी रचनाएँ और नामी प्रकाशकों ने इनकी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। जनवरी 2008 से अचानक साहित्य और रहस्य-जगत में पहेली की भांति उभरे इन दोनों लेखकों की तस्वीरें तो सबने देखी हैं, लेकिन कहा जाता है कि स्नोवा बॉर्नो को सैन्नी अशेष के अलावा और किसी ने नहीं देखा है। ‘एक जोगन ज़िन्दगी’ जीवन दर्शन और सृष्टि के रहस्यों के पर्दे खोलता एक आनंदमय और प्रज्ञापूर्ण उपन्यास है। जिसमें सर्द मौसम ओढ़े पहाड़ आपको प्रेम की गहराईयों तक ले जाते हैं। ज़िन्दगी जोगन बन जाती है। ह्रदय में उतर जाती है।

Ishq Itwar Nahi

270.00

ये निज़ाम-ए-ख़ुदा है, कि वो जब हमसे कुछ लेता है तो उसके बदले हमें किसी ऐसी चीज़ से भर देता है कि हम बिखरने ना पाएं। उसने मुझे इश्क़ से भर दिया और मैंने ख़ुद को इश्क़ के सदके वार दिया है । ये वो एहसास हैं जो सिसकते रहते हैं, दम भरते रहते हैं लेकिन इश्क़वाले किसी से कुछ कह नहीं पाते । मैंने उन्हें कागज़ पर उतार दिया जिसकी सूरत आपके सामने है ।

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Jiyo Banaras

Original price was: ₹260.00.Current price is: ₹199.00.

बनारस सिर्फ़ एक नगरी मात्र नहीं। बनारस सिर्फ़ एक संस्कृति मात्र भी नहीं। बनारस एक इमोशन है, एक भाव है। क़तई ज़रूरी नहीं की यह भाव धार्मिक ही हो। हाँ इसका झुकाव अक्सर आध्यात्म की ओर होता है। मतलब यह कि जब हम इस सवाल का जवाब ढूँढने निकलते हैं कि बनारस क्या है, हम अपने आप से कई बार यह भी पूछते हुए पाए जाते हैं कि हम कौन हैं ? मानो बनारस का होना और हमारा होना एक तरह से जुड़ा हो। जियो बनारस इसी कनेक्शन को टटोलता है और नतीजा यह कि पाठक अपने आप को हर एक कविता में पाते हैं।

Man Banjara

260.00

जब वक़्त के दरमियाँ ख्यालों का दरिया गुज़रता है तो किनारे पर यादें डेरा डाल लेती हैं और मन बंजारा हो जाता है , दूर तक जाती पगडंडियों में खो जाता है और शाम ढले लौट आता ये सुबह का भूला सूरज रिश्तों और एहसासों के साथ मन की पड़ताल करता डॉ. मनीषा तिवारी का यह पहला कविता संग्रह है l

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Sau Striyan Meri Zindagi Mein

Original price was: ₹390.00.Current price is: ₹370.00.

औपन्यासिक स्वरूप के कारण संस्मरणों से संपन्न इस किताब में मेरी संगिनियों या अंतरंग स्त्रियों को इतना अधिक नहीं छिपाया गया है कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाए, क्योंकि मैं भी चाहता हूं कि मुझे और उन्हें बरसों से जानने वाले पाठक हमारे साथ सहज रहें और नए पाठक भी स्त्री पुरुष की अंतरंगताओं या नज़दीकियों से निकले जीवन के बहुत सारे अनोखे आयामों को विस्मय से देखें और जानें। इसीलिए मैंने पूर्व प्रकाशित संस्मरणों में से उन कुछ अनिवार्य संस्मरणों को भी औपन्यासिकता में पिरो दिया है, जो पहले मेरे बहुत कम पाठकों तक पहुँच पाए थे।

Tedhi Medhi Lakeeren

270.00

जैसे भारत की आज़ादी को समझने के लिए उसके विभाजन के बारे में जानना ज़रूरी है, उसी प्रकार विभाजन को अगर सही अर्थों में जानना है तो सीमा रेखा की यात्रा बहुत ज़रूरी है, हालाँकि आम आदमी के लिए उस रेखा पर घूमना-फिरना —  फिर चाहे पंजाब हो या बंगाल न तो आसान है, न ही हमेशा संभव, फिर भी कवि ह्रदय बिश्वनाथ घोष की इच्छा शक्ति ने इस यात्रा को संभव बनाया। उन्होंने बटंवारे के बाद के दर्द को, अर्थ को, त्रासदी, निरर्थकता और विवशता को, इन कविताओं के ज़रिए जिया है, जो उन्होंने सीमा रेखा पर अपनी यात्राओं के दौरान रची हैं। इसी वजह से यह कविताएं और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

Us ek Akele Makan Mein

280.00

चॉकलेट खाने का सिलसिला

चलता ही रहता था

के बीच में आ टपके थे

२६ जनवरी और १५ अगस्त जैसे दिन

तब तक तो बेहद गरम हो जाना चाहिए था तंदूर

उस एक अकेले मकान में