सितोलिया
तीसरी बार तब, जब दिया गया उसका हाथ किसी अजनबी के हाथ में रखा गया हथेली पर आटे का गोला कन्या दान था या पिंड दान हथेलियों पर छूट गई हल्दी भर याद है उसे चौथी बार तब, जब हाथों में आने लगे कभी अचानक गर्म कड़ाई तपते तवे के निशान फिर हाथ चलते रहे […]